विक्रम भट्ट: बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक विक्रम भट्ट एक गंभीर धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं। उनके ऑफिस के कुछ कर्मचारियों ने मिलकर एक साजिश रची है, जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उनके ऑफिस का करोड़ों का सामान किसी ने हजारों में बेच दिया है। इस मामले में पुलिस ने भी हस्तक्षेप किया है और दो व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गई है। आरोपियों के नाम जितेंद्र शर्मा और राकेश प्रणिग्रही बताए जा रहे हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने ऑफिस की हार्ड डिस्क और मोबाइल फोन का व्यक्तिगत उपयोग किया है। विक्रम भट्ट की कंपनी VSB Production LLP के प्रोडक्शन मैनेजर नासिर खान ने 10 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
कंपनी के कर्मचारियों ने किया विक्रम भट्ट को धोखा
एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि विक्रम भट्ट की कंपनी वीएसबी प्रोडक्शन एलएलपी, जो अंधेरी वेस्ट के जेपी रोड पर स्थित है, से कुछ हार्ड डिस्क मार्च 2025 से गायब थीं। विक्रम और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट ने इस बात का ध्यान रखा। इन डिस्क में उनकी फिल्मों के रॉ फुटेज थे, जिनका गलत इस्तेमाल किया गया। इसके बाद विक्रम ने प्रोडक्शन मैनेजर खान को इन पर नजर रखने का निर्देश दिया। प्रोडक्शन मैनेजर को पता चला कि जितेंद्र शर्मा के पास सभी डिस्क थीं और जब भी किसी कर्मचारी को डिस्क की आवश्यकता होती, तो जितेंद्र शर्मा पहले राकेश प्राणिग्रही से अनुमति लेते थे।
डिस्क की बिक्री का मामला
पिछले दो महीनों में जब भी ऑफिस के कर्मचारियों को डिस्क की आवश्यकता पड़ी, तो जितेंद्र शर्मा ने बहाने बनाना शुरू कर दिया और डिस्क देना बंद कर दिया। बताया गया है कि 13 सितंबर को एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट मोहित कुमार ने जितेंद्र शर्मा से डिस्क के बारे में पूछा, तो उन्हें बताया गया कि प्राणिग्रही के कहने पर अशोक क्रश को डिस्क बेच दी गईं। हर डिस्क को लगभग 5 से 6 हजार रुपये में बेचा गया, और कहा जा रहा है कि आधा पैसा राकेश प्राणिग्रही को दिया गया था।
कानूनी कार्रवाई की गई
सूत्रों के अनुसार, 10 डिस्क बेची गई हैं। जब विक्रम भट्ट के स्टाफ ने जितेंद्र शर्मा से डिस्क वापस करने की मांग की, तो उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया और काम पर आना भी छोड़ दिया। इसके बाद राकेश प्राणिग्रही भी ऑफिस नहीं आए और उन्होंने कंपनी के फोन भी नहीं लौटाए। अब इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 316 (4) (आपराधिक विश्वासघात) और 3 (5) (सामान्य स्पष्टीकरण) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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